In Conversation with Shelly

Shelly

शैली के बारे में

शैली एक उभरती हुई लेखिका हैं, जो भावनाओं और रिश्तों को सहज और दिल से लिखे शब्दों में व्यक्त करती हैं। उनकी किताब “अनकही मोहब्बत” प्रेम और अनकहे एहसासों की सच्ची गहराई को खूबसूरती से दर्शाती है।

लिफ़्ट: हमें अपनी पुस्तक, इसे लिखने की यात्रा और इसकी विषय-वस्तु के बारे में बताइए।

शैली: “अनकही मोहब्बत” एक भावनात्मक पुस्तक है, जिसमें अनकहे एहसासों, अधूरी चाहतों और रिश्तों की नर्मी को शब्दों में पिरोया गया है। इस किताब की जर्नी मेरे अपने अनुभवों और लोगों की कहानियों को सुनने-समझने से शुरू हुई। लिखते समय मेरा उद्देश्य यह था कि पाठक हर पन्ने में अपनी ही भावनाओं की झलक महसूस करें। किताब का कंटेंट सरल, रेलेटेबल और दिल को छूने वाला है, जो हर उस व्यक्ति के लिए है जिसने कभी चुपचाप किसी को महसूस किया हो।

लिफ़्ट: आपने यह शीर्षक क्यों चुना?

शैली: मैंने यह शीर्षक इसलिए चुना क्योंकि पूरी किताब उन्हीं भावनाओं के इर्द-गिर्द घूमती है जो दिल में तो होती हैं, पर कह दी नहीं जातीं। “अनकही मोहब्बत” उन खामोश प्यारों को एक नाम देता है, जो महसूस तो होते हैं लेकिन ज़ुबान तक नहीं पहुँच पाते।

लिफ़्ट: आपको कब एहसास हुआ कि आप लेखक बनना चाहते हैं और इसके पीछे आपकी प्रेरणा क्या थी?

शैली: मुझे लिखने का शौक तब महसूस हुआ जब भावनाओं को बोलकर नहीं कह पाती थी। शब्द मेरा सहारा बन गए, और धीरे-धीरे लिखना मेरी पहचान। लोगों की कहानियाँ, उनके एहसास और अपने अनुभव—यही मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा रहे हैं।

लिफ़्ट: साहित्य की दुनिया में दस साल बाद आप खुद को कहां देखते हैं?

शैली: दस साल बाद मैं खुद को एक एस्टाब्लिशड लेखिका के रूप में देखती हूँ, जिसकी किताबें लोगों के दिलों तक पहुँचें। मेरा सपना है कि मेरी राइटिंग उन लोगों को सुकून दे, जो अपने शब्द नहीं ढूँढ़ पाते। मैं और भी किताबें लिखना चाहती हूँ और एक पहचान बनाने की दिशा में बढ़ना चाहती हूँ।

लिफ़्ट: आपके विचार में किसी पुस्तक को बढ़ावा देने और उसके पाठकों की संख्या बढ़ाने में प्रचार और उसकी गुणवत्ता कितनी महत्वपूर्ण है?

शैली: किताब की क्वालिटी सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि अच्छी किताब खुद-ब-खुद पाठकों तक पहुँचती है और word-of-mouth करती है। लेकिन आज के समय में मार्केटिंग भी उतनी ही जरूरी है क्योंकि बिना सही प्रचार के एक शानदार किताब भी अनदेखी रह सकती है। इसलिए दोनों का संतुलन जरूरी है — 70% क्वालिटी और 30% मार्केटिंग। अच्छी किताब + स्मार्ट मार्केटिंग = ज्यादा पाठक।

लिफ़्ट: आप अपने लेखन के माध्यम से लोगों को क्या संदेश देना चाहते हैं?

शैली: मैं अपनी लेखनी से लोगों को यह संदेश देना चाहता/चाहती हूँ कि जिंदगी में संघर्ष और असफलताएँ आएंगी, लेकिन हार मानना विकल्प नहीं है। सच्चाई, मेहनत और आत्म-विश्वास के साथ चलते रहो, तो कोई भी सपना असंभव नहीं। साथ ही, दूसरों के प्रति संवेदना और मानवता कभी मत खोना — यही जीवन का असली सार है।

लिफ़्ट: लेखन के अलावा आप क्या करते हैं?

शैली: लेखन के अलावा मैं एक फुल-टाइम स्टूडेंट हूँ। इसके साथ-साथ मुझे घूमना, नई किताबें पढ़ना, और लोगों से उनके जीवन के अनुभव सुनना बहुत पसंद है – यही सब मेरे लेखन को नई प्रेरणा देता है।

लिफ़्ट: जब आप लेखन अवरोध का सामना करते हैं तो आप किन गतिविधियों का सहारा लेते हैं?

शैली: राइटर’s ब्लॉक आने पर मैं लिखना पूरी तरह बंद कर देता/देती हूँ और बाहर टहलने निकल जाता/जाती हूँ। लंबी सैर, प्रकृति को निहारना, पुरानी डायरी पढ़ना, या किसी दोस्त से लंबी बातचीत करना – ये सब मेरे दिमाग को फिर से खोल देते हैं। कभी-कभी बस एक कप चाय के साथ खामोश बैठना भी काफी होता है।

लिफ़्ट: अगर आपकी कहानी पर फिल्म बन जाए तो क्या होगा? आप उसमें निर्देशक या अभिनेता के रूप में किसे काम पर रखना चाहेंगे?

शैली: अगर मेरी यह कहानी कभी फिल्म बने, तो मैं खुद इसका डायरेक्टर बनना चाहूँगी।
क्योंकि इस कहानी की हर धड़कन, हर खामोशी और हर आँसू को मैंने खुद जिया है – कोई और इसे मेरे दिल की गहराई तक नहीं समझ पाएगा।
मैं चाहती हूँ कि पर्दे पर जो दिखे, वह ठीक वही हो जो मैंने अपने पात्रों के साथ महसूस किया है।
तो हाँ… डायरेक्टर की कुर्सी पर मैं खुद बैठूँगी।

लिफ़्ट: क्या आप अपनी अगली किताब पर काम कर रहे हैं? अगर हाँ, तो क्या आप हमें इसके बारे में कुछ बता सकते हैं?

शैली: हाँ, मैं अपनी अगली किताब पर काम कर रहा/रही हूँ। यह एक थ्रिलर-ड्रामा है जिसमें एक आम इंसान अचानक खुद को एक बहुत बड़े षड्यंत्र के बीच में पाता है। यह कहानी सत्ता, मीडिया और सच की लड़ाई के इर्द-गिर्द घूमती है। अभी यह शुरुआती ड्राफ्ट स्टेज में है, लेकिन मैं कोशिश कर रहा/रही हूँ कि यह पाठक को आखिरी पेज तक बाँधे रखे। उम्मीद है अगले साल तक पूरी हो जाएगी।

लिफ़्ट: नवोदित लेखकों और कवियों को उनके लेखन कौशल को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए आपके क्या सुझाव हैं?

शैली: नए लेखकों और कवियों के लिए मेरी सलाह यही है:
1. हर रोज़ लिखो – चाहे एक पेज ही सही, लेकिन रोज़।
2. जितना हो सके उतना पढ़ो – अच्छी हिंदी साहित्य की किताबें, कविताएँ, और दुनिया भर की कहानियाँ।
3. अपनी पहली ड्राफ्ट को कभी परफेक्ट मत समझो – बेधड़क लिखो, फिर बेरहमी से एडिट करो।

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